Wednesday, September 17, 2008

लाचार सरकार ,पंगु व्यवस्था—हम अवतार के इंतजार मे।

लाचार सरकार ,पंगु व्यवस्थाहम अवतार के इंतजार मे।

हम भारत वासी गीता को कर्म करने के संदेश के रुप मे देखते है।अपराध और पाप बढ़ रहे है गीता के अनुसार सही वक्त अवतार के जन्म लेने का ।दिल्ली विस्फोट के बाद की

स्थिती हमारी खुफिया तंत्र को नंगा कर देती है।ये ठीक उसी तरह दिखती है जैसे कोइ जर्जर शरीर किसी सहारे के इंतजार मे हो।विस्फोट के बाद सामान्य होती जिंदगी जिसको हम अपना हैसला मानते है सही है।सामान्य होना शायद हमारी मजबूरी है।सेठ जी का बैंक बैंलेस तो उन्हें कई साल तक बैठे खिला देगा।लेकिन वो तबका जिसने अपना अगला पल भी सुनियोजित नही किया है उसे तो अपनी जान पे खेल कर अपने पेट की आग को शांत करना पड़ेगा यही वो लोग है जिसकी वजह से हम कह देते है, हमारा हौसला देखो हर सुबह आम होती है। ये आईटी एक्सपर्ट जिन्हें हमी ने तैयार किया आज भस्मासुर बने है।लेकिन हम भी आस लगाये बैठे है कि एक दिन खुद ही सिर पर हाथ रखकर ये भस्म हो जाएं।सरकार के पास तीन शब्द जो तरकश मे हमेशा रहते है हमने देखा, देख रहे है, देखेंगे कहकर इस कहावत को चरितार्थ कर दिया है (पड़ोसी मुल्क के लिए)क्षमा बड़न के चाहिए छोटन को उत्पात।

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